5 AUG 2020 AT 21:04

ज़िन्दगी में ना ख़ुशी है ना ग़म है,
हाय! ये कैसा जख़्म है,
ये दिल को दिया हुआ वो जख़्म है,
ना कभी तूने भरा इस जख़्म को,
ना किसी को भरने दिया ,
बस चुभता है ये एक काटे के भाती
हर पल याद दिलाता है तेरी,
इस सीने में धड़कते हुए इस दिल को।

- अनकहे शब्द ✍️