कोशिश भी तो की जा सकती थी ।
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मां की कोख में
सबसे सुरक्षित
बेफिक्र रहे हम ।
जगत की राहों में
दुनिया की निगाहों में
इम्तिहान देते रहे 'राजू'
बेवज़ह सहे गम ।।-
मां शब्दों में क्या गढ़ता
मां तुम पर क्या रचता ।
जीतीजागती रचना मैं हूँ ,
गीत गजल कविता हूँ उसका ।।-
उदासियां उड़ा सकती हैं
हिम्मत की तितलियां ।
जोश भर देती है दिल में
अपनों की दी तालियां ।।
तालियों को दिल से सुनो 'राजू'
इग्नोर करो , गैरों की गालियां ।।
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अपनेआप को परेशान ना करना ।
वक्त लगेगा , हिम्मत रखना 'राजू'
लक्ष्य बनाकर शान से चलना ।।
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वक्त को पढ़ना
किस को आया हैं ।
किस्मत पढ़ने बालों को
वक्त भी 'राजू'
धीरे से भरमाया हैं ।।-
हम बुद्ध भी है
हम युद्ध भी है
हम शांत भी हैं
हम कुद्घ भी है
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सुन सके तो सुन ले दुनिया
यह नए समय का नया भारत है ।
मित्र के लिए हम मित्र है 'राजू'
शत्रु के लिए भारी आफत है ।।-
सरहद पार की बेहयाई नजर आई हैं ।
नापाक इरादा लेकर कबतक जियेगा ,
लड़ाई पाकिस्तानको कब्र तक लाई है ।।-
कहानी अधूरी रही
आतंक का किया अंत
पूरी होगी कहानी 'राजू'
जब पाक करो विध्वंस-