ढूंढती हू में तुम्हे,
इस दुनिया की भीड़ में।
तुम्हारी वो नज़रों की किरणें
जो मेरे चेहरे को संवारती थीं।
वो लफ़्ज़ जो मेरे दिल से चुरा कर
तुम्हारे होठों पे सज जाते थे।
वो तुम्हारा स्पर्श,
जो मुझे छुईमुई सा बना देता था।
वो उंगलियां जो कभी
मेरी ज़ुल्फों से खेलती थीं।
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