आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई॥
जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई॥🙏🏻
-गोस्वामी तुलसीदासजी(रामचरितमानस)❤️
- NeeRaj Sharma🇮🇳✨
27 APR 2019 AT 11:39
आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई॥
जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई॥🙏🏻
-गोस्वामी तुलसीदासजी(रामचरितमानस)❤️
- NeeRaj Sharma🇮🇳✨