इंसान की ज़िंदगी में आता है ।
जब वो ख़ुद को दोराहें पर खड़ा पाता है ।
समझ नहीं पाता उसका मन क्या चाहता है ?
कभी मन इधर भटका , कभी उधर चला गया ।
इतने चिंतन , मनन से भी क्यों सही मार्ग न मिला ?
मन से जो ये सवाल किया , चाहता क्या हैं तु ?
उसने कहा - ख़ुद तु खोज जरा , सोच जरा ।
कदम से कदम मिला और आगे बढ़ता ही जा ।।-
मौसम कुछ रंगीन कुछ बदला बदला सा है ।
मन ये मानो की आकाश की कहकशां सा है ।
बारिश के बाद फैली मिट्टी की ख़ुशबू के नशा सा है ।
हैं कुछ गमों के बादल फिर भी सब खुशनुमा सा है ।
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I can be the way of your journey , but can't be the destination..
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जूझता ये मन नित सैकड़ों विचारों से है ।
ख़ुद को बतलाता अनभिज्ञ जीवन की बहारों से है ।।
अश्रु तो कभी मुस्कराहट के समंदर में गोते लगाता है।
तो कभी मंथन करता,जीतता अब हृदय के जज़्बातों से है ।।
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वे अपने जज्बातों को ,
सुपुर्द-ए-खाक कर रहे थे ।
यादों में महबूब की वे ,
ख़ुद को पाक कर रहे थे ।
क्या मंज़र था इश्क़ के ,
उनका भी , वफादार होकर भी ,
बेवफाई की बात कर रहे थे ।
अनभिज्ञ महबूब की चालों से छले ,
इश्क़ का इजहार बेबाक कर रहे थे।।।
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हूं तो एक खुली किताब की तरह ,
ना जाने क्यों कोई पढ़ नहीं पाता।
अब नहीं गुजरना तम के साये से ,
ना जाने क्यों यहां सहर नहीं आता।
ख़्वाबों में डोलना चाहता है ये दिल ,
ना जाने क्यों कोई बांसुरी नहीं बजाता ।
अल्फ़ाज़ से ज्यादा जज़्बात लिखे पन्नों पर ,
फ़िर क्यों कोई इन्हें समझना नहीं चाहता ।
सफ़र-ए-जिंदगी में कब तक चलूं अकेले ,
ना जाने क्यों राही साथ नहीं निभाता ।
कितनी ही ज़िंदगियों का किरदार हूं मैं ,
ना जाने क्यों कोई मेरा इश्क़ ना बन जाता ।
ख़ामोश तन्हाइयों से कब तक लडूं अकेले ,
ना जाने क्यों कोई मेरा हमदर्द ना बन जाता ।
हूं तो एक खुली किताब की तरह ,
ना जाने क्यों कोई पढ़ नहीं पाता।
NAINA ❤️❤️
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ये वही फ़ुरसत के पल है
जो हम हमेशा से चाहते थे
जब इतनी व्यस्तजीवनशैली में
ख़ुद को अकेला पाते थे
जी लो इन पलों को खुलकर
तुम अपनों के साथ
यादों का पिटारा खोल कर
ले आओ तुम खुशियों की बहार
परिवार के साथ जीवन
होता है कितना खुशनुमा
तुम समझो इसका सार ।।
#FIGHT_AGAINST_COVID_19
#STAY_HOME
#STAY_SAFE-
लगता है पास ही हो मेरे
हर याद पर लिखा हैं नाम तेरा
आखिर अब क्या हैं किस्सा तेरा मेरा
वक़्त अब वो नहीं जब थे तुम पास
अब वापस तुम्हारे आने की नहीं है आस
दूर हो मगर फिर भी क्यों लगते हो इतने पास ।।।-
जंग ए मोहब्बत की हार में भी जीत हैं ,
यही जिंदगी की सबसे बड़ी सीख हैं ,
वफादार होकर भी बेवफ़ा हो जाना ,
ज़नाब यही प्रेमियों की रीत हैं ।।।।-