कोई सवाल नहीं है तुम्हारी खूबसूरती पर,
कोई, सवाल नहीं है तुम्हारी खूबसूरती पर,
इसलिए,
थोड़ा तुम इतरा भी लो तो वो भी जायज़ है।
मैंने चेहरों को इतना खूबसूरत होते हुए कभी नहीं देखा,
ऐसा नहीं कि मैंने चेहरे नहीं देखे . . .
पर तुम जैसी बात, किसी में नही।
हर रोज़ तुम्हें बस एक बार देखने की मेरी आरज़ू,
ये यूँ ही तो नहीं, इसकी कुछ तो वजह ज़रूर है।
तुम्हारी पास लाकर यूँ दूर करने की आदत
तुम्हारी पास लाकर यूँ दूर करने की आदत
बस ये जो बदल जाए तो बात कुछ और हो।
बस इतना याद रखना कि तुम्हारी हर बात को जायज़ ठहराया है मैंने
कि कहीं न कहीं तो है तुझसे नाराज़गी मुझे,
कि कहीं न कहीं तो है तुझसे नाराज़गी मुझे,
बिना इज़हार मेरी ये सब बातें यूं ही तो नही।
- अनु