17 DEC 2017 AT 21:13

जीवन के मेरे फलसफे
कुछ अच्छे तो कुछ बुरें।
लेकिन जब से तुम तुमको चाहता हूं
तुमको कुछ ना कह पाता हूं ।
तुम्हारे सैंडल और चप्पल की डर से
दिनभर घुट घुट कर मर जाता हूं।
हर रोज,
नयी उम्मीद,उत्साह के साथ आता हूं
लेकिन फिर भी कुछ ना कह पाता हूं।
अब समझती हो
कैसे मैं घुट-घुट कर जी पाता हूं।

- नंदन