आ अब कुछ दिन डाल ले डेरा
जियें हैं ख़ुद के संग
अब कोई हो भी साथी मेरा
स्वागत है ज़िंदगी तेरा
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
ये जगत तो रैन बसेरा
फिर भी कुछ लम्हों में कर दे एक हसीन सवेरा
स्वागत है ज़िंदगी तेरा
आएगी एक मीठी मौत और भर लेगी फिर झोली
बस एक निमिष का खेल है मेरा
उस क्षण तक करले तू भी मन की
स्वागत है ज़िंदगी तेरा
- Nancy Kaushik
20 APR 2024 AT 16:54