Dil chahta hai..
Lo bistar pe pade rahe...
Aur bas pade rahe...-
हम दोस्ती निभा रहे थे, वो मोहब्बत कर गया,
अपने ही जज़्बातों में, हमें बर्बाद कर गया।
एक था जो साथी, अब वो भी पराया हो गया,
मोहब्बत के चक्कर में, अपना भी बेगाना हो गया।
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जब अपनों की सही बातें भी कर्कश लगने लगे, तब समझ जाओ
उन्हें बाहर वालों की बातें मधुर लगने लगी हैं-
कोसी का प्रकोप फिर से आया,
बिहार की धरती ने दर्द को गहराई से पाया।
गांव-गांव में पानी का समंदर फैला,
हर आँख में दुख का एक नया रंग मेला।
खेत जो कभी सोने से चमकते थे,
आज उनमें लहरें सिर्फ़ तबाही लिखते थे।
मिट्टी की खुशबू अब गुम हो गई,
पानी के साथ सब उम्मीदें भी बह गईं।
हर घर की दीवारें आँसुओं से भीगी हैं,
ज़िन्दगी की राहें अब अंधेरे में डूबी हैं।
कोसी के बहाव ने सब कुछ छीन लिया,
फिर भी बिहार का मन, हौसले से लिपटा जिया।-
I have my way of keeping friends and secrets..
When I meet someone I like, I tell them a secret they don't know me well enough to be told.
The choice they make, "to keep it or spread it" helps me analyzing their potential of being friends.
Who says love is blind "NOPE" it's just a choice to trust and trusted.... also keeping it maintained.
So is FRIENDSHIP.
A true friend absolutely keeps your secrets, and if they don't
'are they even friends'?-
मेरा तुम्हें कुछ कहना तभी उचित है
जब मुझे सुनना तुम्हारी प्राथमिकता हो
........औपचारिकता नहीं-
The day when I will die and you all would be crying...
While I will be amidst those burning wooden logs... at that moment you might act like I am your priority
But in reality...
"I AM NOT"-
जिन लोगों के साथ ज़िंदगी में सुकून मिलता है
उन लोगों के साथ ज़िंदगी में वक़्त बहुत कम मिलता है। ।-
वह प्यारी सी बातें तुम मुझसे अब कभी नहीं कहोगी
क्या मुझे देखकर तुम्हारी मासूम सी आंखों में जो प्यार झलकता था क्या वह कभी नहीं दिखेगा
छोटी-छोटी चीजों की जिद
छोटी-छोटी चाहते अब मुझे नहीं होगी
वक्त भी वक्त तेरा जो मेरा ख्याल रखना क्या अब नहीं मिलेगा
तेरे प्यार कि मुझे आदत सी हो गई है
तू बहन नहीं एक बेटी और मां बन गई है
पर क्या तुझे छूने का हक मुझे अब फिर नहीं मिलेगा...
बताओ ना...कि अब तुम कब मिलोगे...
इस जहां में या इस जहां के पार मिलोगे
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जिंदगी बदस्तूर बस चलती जाती है,
कुछ पन्ने लिखे हुए संजोए जाने लायक होते हैं
कि कुछ बस पलट दिए जाते हैं ।
दफन कुछ यादें ऐसी होती है ज़हन में
कि उनके याद आने पर भी उनको याद नहीं किए जाते हैं ।।
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