28 DEC 2017 AT 19:51

अंजान रहता है वो षड्यंत्र से,
कपट भरी मीठी बोली के मंत्र से।

फिर भी वो सुरक्षित रहता है कर्म की ढाल से।

- Mukesh Zade© (Scorpion Ink)