18 JUL 2018 AT 19:29

आँखों बालों में ऐसे उलझे
खुशबो-ए-बदन कत्ल कर बैठा
मेरा कसूर नहीं था इश्क से जूझने में
गलती दिल की ही थी गजल कर बैठा

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