30 AUG 2019 AT 13:12

दरिया हुसैन का है समंदर हुसैन का
प्यासो के वास्ते है ये लंगर हुसैन का
है आरजू वहां भी मिले दर हुसैन का
जन्नत में बन के जावु में नोकर हुसैन का
सूरज ने अपने सर को अदब से जुका लिया
नेजे पे जब बुलंद हुवा सर हुसैन का

लब्बेक या हुसैन

करते नहीं हम किसी भी मौसम का इंतजार
रहता है बस हुसैन (अ.स.) के मातम का इंतजार
बे आब जीस तरह से तडपती हे मछलिया
करते हे इस तरह से हम मोहर्रम का इंतजार

लब्बेक या हुसैन

- montu