19 JAN 2018 AT 23:29

ढूँढती रहती हैं ये नज़रें तुझे यहाँ वहाँ,
पर न जाने तू है कहाँ,
पुकार रहा है ये दिल तुझे,
सुन ले मेरे इश्क़ की ये दास्तान,
कि बिन तेरे सूनी है ये ज़िन्दगी, सूना है मेरा जाहान |

- Author Mohit chauhan