ढूँढती रहती हैं ये नज़रें तुझे यहाँ वहाँ,पर न जाने तू है कहाँ,पुकार रहा है ये दिल तुझे,सुन ले मेरे इश्क़ की ये दास्तान, कि बिन तेरे सूनी है ये ज़िन्दगी, सूना है मेरा जाहान | - Author Mohit chauhan
ढूँढती रहती हैं ये नज़रें तुझे यहाँ वहाँ,पर न जाने तू है कहाँ,पुकार रहा है ये दिल तुझे,सुन ले मेरे इश्क़ की ये दास्तान, कि बिन तेरे सूनी है ये ज़िन्दगी, सूना है मेरा जाहान |
- Author Mohit chauhan