बातों बातों में ये क्या गज़ब कह दिया
मेरी नज़र से आज मुझे ही गिरा दिया
हदों की बेड़ि में बांध कर क्यूं जुदा कर दिया
ना मांगा था कुछ मैंने फिर क्यूं सब छीन लिया
कहा था बस साथ रहो सम्हाल लूंगा खुद को
थोड़ा सब्र कर लेते क्यूं इस अंधेरे में धकेल दिया
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उसमे हमारे ही जज़्बात हों।
तुम जिसे मेरी कहानी सोच रहे हो,
क्... read more
मुझसे पूछते हो इतना ज़रूरी क्यूं है साथ तुम्हारा,
कभी मछली से पूछा है तुमने पानी की जरूरत
पेड़ों से पूछकर देखना कभी हवाओं की कीमत
पूछना कभी रात से बिना चांद कैसे गुजारता है
अधूरी है ये ज़मीं भी उस आसमान के बिना
देखना कभी तन्हा हाल क्या होता है तेरे बिन
बिन कुछ कहे ही मिल जाएगा तुम्हें जवाब तुम्हारा-
ना पड़ेंगे छिटे तुझे अब इन अश्कों के
ले बांध लिया खुद को अब खुद में ही
किया रिहा तुझे इस गम की परछाई से
रख लिया भर कर यादें सारी खुद में ही।-
ना होना तू खफा मुझसे ना होना उदास बाद मेरे
ना दिखूं जो अब के बाद तुम्हें ना मिले निशान मेरे
ना रखना बात ये मन में की हुई तुझसे कोई खता
कोई मजबूरी हुई होगी न मिला होगा दूजा रास्ता
रहना खुश सदा चेहरे पर रखना यही मुस्कान तेरे
ना होना तू खफा मुझसे ना होना उदास बाद मेरे
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सोचते हैं दूर कर लें खुद को अब तुझसे
मुश्किल होगा मगर शायद वक़्त के साथ सम्हल जाएं
थाम लें कदम ये हर वक़्त जो तुझ तक जाने उठ पड़ता है
भुल जाएं वो रास्ता जिस रास्ते तेरा घर पड़ता है
जिद्दी हो रखा है मन ये बिल्कुल छोटे बच्चे जैसा
जाने कैसी लत लगी इसे पहले नहीं था कुछ भी ऐसा
सेह लेंगे अब चाहे कितनी भी तकलीफ हो बिछड़ने में
खुश रहे तू जहां भी हो बस यही दुआ है अब सीने में-
दिल में दबी बातों को बयान करना क्यूं होता है इतना मुश्किल
क्यूं हर बार हर कोशिश हर शुरुआत के साथ नाकाम होती है
दफ्न रह जाती हैं दिल की बातें दिल में ही क्यूं ना जाने
शांत करने को मन का बवंडर नहीं दिखता कोई भी रास्ता
मानो जैसे सारी तकलीफों का मुझसे ही है सिर्फ राबता
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in khali sunsan sadko par
hota tha koi kbhi sath
hatho me liye hath uska bs chlte jate the
kandhe par sir uska
gale me dheemi saanson ki grmi mousam ki thandi nami
khulaa aasmaan sannate ki awaaz
bada sukoon milta tha un raaton me
magar ab bs yaadein hi reh gyi hain khwabo mein-
दोस्त बदल गए यार बदल गए
दिन बदल गया रातें बदल गई
ख़ामोश हुई आवाज़ अल्फ़ाज़ बदल गए
पुराने रिश्तों की साज़ बदल गई
मोहब्बत थी जिससे उसका प्यार बदल गया
किराएदार बनकर रहते थे दिल में उनके
वक़्त बदला और किराएदार बदल गया-
तूने तो खुद ही अंदाजा लगा लिया मैं क्या सोच रहा था
कभी कोशिश तो करता पूछने मेरे साथ क्या हो रहा था
खैर छोड़ हटा जाने दे अब इन बातों का क्या मतलब
तूने कब ही कद्र की मेरी कब मेरी फिक्र हुई तुझे
आज भी वही हुआ जो हमेशा से हो रहा था-
कब से आस लगाए बैठे थे
देर से ही सही एक बारी याद जरूर करेगा
आस भी टूटी और सब्र भी टूटा
अब शायद चैन की नींद सोएगा-