इक दिया नाम का ख़ुश-हाली के उस के जलते ही ये मालूम हुआ कितनी बद-हाली है पेट ख़ाली है मिरा जेब मिरी ख़ाली है इक दिया नाम का यक-जेहती के रौशनी उस की जहाँ तक पहुँची क़ौम को लड़ते झगड़ते देखामाँ के आँचल में हैं जितने पैवंद सब को इक साथ उधड़ते देखा दूर से बीवी ने झल्ला के कहा तेल महँगा भी है मिलता भी नहीं क्यूँ दिए इतने जला रक्खे हैं अपने घर में न झरोका न मुंडेर ताक़ सपनों के सजा रक्खे हैंआया ग़ुस्से का इक ऐसा झोंका बुझ गए सारे दिए हाँ मगर एक दिया नाम है जिस का उम्मीद झिलमिलाता ही चला जाता है-कैफ़ी आज़्मी #कोरोना #दीया #उजाला #अंधेरा #हताशा #9*9 -
इक दिया नाम का ख़ुश-हाली के उस के जलते ही ये मालूम हुआ कितनी बद-हाली है पेट ख़ाली है मिरा जेब मिरी ख़ाली है इक दिया नाम का यक-जेहती के रौशनी उस की जहाँ तक पहुँची क़ौम को लड़ते झगड़ते देखामाँ के आँचल में हैं जितने पैवंद सब को इक साथ उधड़ते देखा दूर से बीवी ने झल्ला के कहा तेल महँगा भी है मिलता भी नहीं क्यूँ दिए इतने जला रक्खे हैं अपने घर में न झरोका न मुंडेर ताक़ सपनों के सजा रक्खे हैंआया ग़ुस्से का इक ऐसा झोंका बुझ गए सारे दिए हाँ मगर एक दिया नाम है जिस का उम्मीद झिलमिलाता ही चला जाता है-कैफ़ी आज़्मी #कोरोना #दीया #उजाला #अंधेरा #हताशा #9*9
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ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ नहीं चलतीं हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं क़बीले वालों के दिल जोड़िए मिरे सरदार सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं -कैफ़ भोपाली -
ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ नहीं चलतीं हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं क़बीले वालों के दिल जोड़िए मिरे सरदार सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं -कैफ़ भोपाली
विपक्ष को पक्ष में ढलते देखा हैमैंने देश का दिल बदलते देखा है-मोहक चौधरी 'सचिन्त' #शिला सी शीला 🙏 -
विपक्ष को पक्ष में ढलते देखा हैमैंने देश का दिल बदलते देखा है-मोहक चौधरी 'सचिन्त' #शिला सी शीला 🙏
....when even words succumbto melancholy....to grief....to pain.... -
....when even words succumbto melancholy....to grief....to pain....
...and when demons of grief, pain & agony almost choked him,he began to write. Gone numb and quiet, his pen now spills blood.-Mohak Chaudhary -
...and when demons of grief, pain & agony almost choked him,he began to write. Gone numb and quiet, his pen now spills blood.-Mohak Chaudhary
है परेशां नज़र, थक गए चारागरकोई समझा नहीं, कोई जाना नहींज़िन्दगी का सफ़र........-इंदीवार -
है परेशां नज़र, थक गए चारागरकोई समझा नहीं, कोई जाना नहींज़िन्दगी का सफ़र........-इंदीवार
Living dead's silent screams. -
Living dead's silent screams.
किसी के बिन, किसी की याद के बिनजिए जाने की हिम्मत है ? नहीं तोतेरे इस हाल पर है सब को हैरततुझे भी इस पर हैरत है? नहीं तो- जॉन एलिया -
किसी के बिन, किसी की याद के बिनजिए जाने की हिम्मत है ? नहीं तोतेरे इस हाल पर है सब को हैरततुझे भी इस पर हैरत है? नहीं तो- जॉन एलिया
Don't glorify just todayYour perennial respectMakes every woman's day 4-3-4 poem©️Mohak Chaudhary,080319 -
Don't glorify just todayYour perennial respectMakes every woman's day 4-3-4 poem©️Mohak Chaudhary,080319