सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात
ब्रूयान्नब्रूयात् सत्यंप्रियम्।
प्रियं च नानृतम् ब्रुयादेषः
धर्मः सनातनः॥
सत्य कहो किन्तु सभी को प्रिय लगने वाला सत्य ही कहो, उस सत्य को मत कहो जो सर्वजन के लिए हानिप्रद है, (इसी प्रकार से) उस झूठ को भी मत कहो जो सर्वजन को प्रिय हो, यही सनातन धर्म है।
Never speak truth with bitterness, and never speak sweet lies which, majority of people want to hear. This is part of real Dharma.- •
13 SEP 2018 AT 16:28