तेरी याद से बातें करते हैं..
तू न मिला इस जन्म में तो क्या हुआ..
हम तेरे होने के ख़याल से बातें करते हैं!-
इक ड़ोरी से बंधा रिश्ता अटूट
ना तू मनाएँ ना मैं जाऊँ रूठ!
टॉम अण्ड जेरी सी चली ये ज़िंदगी अपनी
के मैं जो कहूँ सच, तू जो कहें झूँठ!
लड़ते- झगड़ते, छेड़ते-चिढ़ाते
कट गयी आधी ज़िंदगी अपनी
फिर भी मुकम्मल है रिश्ता यह
मैं बांधूँगी ये धागा, और जेब तेरी लूँगी लूट!
के आख़िर एक डोर से बंधा है ये रिश्ता अटूट!-
मैं कलम उठाऊँ तो क्या लिखूँ?
उसके चेहरे की मासूमियत
या मुस्कान लिखूँ?
कनखियों से देखती हुई
ज़हन को चीरती हुई
नज़रों के तेज धार लिखूँ?
या उसे देख दिल में जो उठते है
सौ बवाल लिखूँ?
चेहरे पे झूमती हुई
माथे को चूमती हुई
उसके स्याही लट्टों का जंजाल लिखूँ
या मेरे हर ज़र्रे का उसके बाहों में
सिमट जाने का ख़्वाब लिखूँ?
मैं कलम उठाऊँ तो क्या लिखूँ?-
ना क़ुसूर नज़रों का
ना मुस्कान ना चेहरे का था
क़ुसूर तो गर्दन की चूमती
कानो में झूमती
ज़ालिम उन झुमकों का था!-
उसे ये पैग़ाम देना
मेरे इश्क़ को कोई
अंजाम देना
नज़र भर के कभी ना
देखा किसी और को
आज भी है उसका इंतज़ार
ये पेयमान देना!
वो आए तो
उसकी ये पैग़ाम देना!-
कोई अतीत पे रोता है..
तो कोई कल के ख़्वाब पिरोता है
कोई मायूस होकर सोता है..
तो कोई ज़िम्मेदारी के बोझ ढोता है..
हर क्षण में इंसान आज को खोता है,
जब वो उस पल में कुछ न कुछ सोचता है…
ग़र आज में इस पल को कोई जीता है..
बस वही ज़िंदगी में जीतता है!-
नींद से लड़ाई है
कभी कभी तो लगता है
दिल ओ दिमाग़ से लड़ाई है
कभी ख़ुदा से लड़ाई है
कभी खुद से लड़ाई है
तो कभी लगता है जैसे
सारे जहाँ से ही लड़ाई है
कभी वजूद की लड़ाई है
कभी हक़ की लड़ाई है
हर पल ही ये ज़िंदगी मेरी
फ़क़त एक लड़ाई है!-
थाम ले कभी मुझे,
कभी नज़रों से पुकार ले
तमन्ना छोटी सी है मेरी
कभी उन लबों से मेरा नाम लें!
परवाह नही जमाने की मुझे
बस तुम्हारा ही ख़याल है
इतनी सी दुआ है रब से
मुझे तुमसे कभी मिलवा दे!
रिहा कर दे इस जहां से,
अपने बाजुओं में पनाह दे
तुम्हें भी मैं पसंद हूँ
कभी मुझको भी ये इत्मिनान दे!-
मुरली की धुन पे तुम्हारी,
मैं राधे सी झूम जाऊँगी!
तुम आने का वादा तो करो कान्हा
मैं इंतेज़ार में दिवानी मीरा सी बन जाऊँगी!-
People think I crave for your attention...
No! I crave you - not in a sexual way
But like I crave your scent, I crave your vibe..
I crave for everything that's not the physical kind!
Yes I crave to feel your hand in mine,
But also everything going on in your mind!-