"Your Quote"
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Nothing is Static
It's either progressive or regressive
knowledge or relationship
Doesn't matter,
the rule works everywhere
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कुछ रिश्तों को नाम दे देते हैं जल्दबाजी में
और ज़िंदगी भर बन नहीं पाते वो!
और कहीं बनके निभाए चले जाते हैं
बस एक नाम नहीं ढूंढ पाते
उस अदृश्य रिश्ते केलिए...!!
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तुम्हारे संग मिलन
अनिवार्य था मेरे लिए
मर कर ही सही!
तेरा साथ पाना अनमोल है
ज़िंदगी के बाद ही सही!!
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चिट्ठीयों को सही पता ना मिला
तो अब दिल की बातें टुकड़ों में लिख रही हूं।
तेरा कोई ठिकाना ना मिला
तो इन बहती हवाओं से भेज रही हूं ।।-
ये कागज़ के पन्ने....
मेरे अतीत को सहज कर रखे हैं
कुछ दर्द से भरे चीत्कार थे
जिनको में बड़ी मुश्किल से क़ैद कर पाई थी
टूटे फूटे शब्दों से मन की नदी बह सी गई थी
मन पर अंकुश रख पाई थी में,
इन हाथों के कांपते उंगलियों को नहीं थाम पाई
आज उन आधे लिखे पुरी कहानी को पढ़कर
एक बेहद लंबी सांस निकल गई
एक छोटी सी मुस्कान खिलाई इन आंखोपर
तब आंसू रोक नहीं पाई थी
आज हंसी नहीं रोकूंगी , सखि 🫂
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कहां ढूंढने चले तुम
भीड़ तो मेरी मन में है
में अपनी ही विचारों में गुमराह हूं
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कभी कभी रंग बदल लेना भी सही है शायद,
नियति और प्रकृति का यही तो नियम है
ना कोई संयम ना एतराज़ है !!
(Please read in caption)-
इसी उम्मीद में यादें समेटती रही ..
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गिले शिकवे नहीं, शुक्रगुजार हूं..
अब ये ज़िंदगी, उनके सहारे कट रही !!
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हर बार बादलों का हटना नहीं
कभी बरस जाना भी सही रहता है
ये आसमान को निर्मल बनाने वास्ते !
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