तलवार और छूरी का अब भला काम कैसा,
लफ़्ज़ों के जाल से, हर रिश्ता तार तार है..-
Learner | Writer | Performer💞
आपके रूह में उतरना है
ख़्वाहिश-ए-जिस्म को फ़ना करके
जीते जी गर उतर न पाएँ तो
जिस्म से जान को रिहा करके
इश्क़ की इक मिसाल देंगे हम
इश्क़ से इश्तिहा जुदा करके
ख़ुद पे ले लेंगे तूफाँ जो रख दे
आपकी आबरू बुझा करके
चाँद को चूर चूर करना है
आपके अक्स को दिखा करके
आपकी चश्म-ए-नम हुई जो 'मयूरी'
रब को आ जाएँगे सुना करके-
जी हुज़ूरी कर ली कितनी अब मुकरकर देखो,
ग़ैर हो जाएँगे अपने सच तो कहकर देखो,
इतना तनहा हो गया हूँ खलवते ही है फ़क़त,
मेरी मंज़िल की सड़क से ख़ुद गुज़रकर देखो,
आसमां तनहा है कितना इल्म ये हो जाएगा,
इन अना के बादलों से अब उतरकर देखो,
मोहब्बत की रहगुज़र में कोई है जो पीछे रह गया,
राह मैंने भी बदल दी ना पलटकर देखो।-
Aao dekhe khidki se khule aasmaan ko
Jata hai jo rasta unche jahaan ko
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अधूरा रह जाए तो रुसवा ना करना इश्क़ को,
खिड़कियों में पूरा आसमान कहाँ सिमटता है!-
दर पर तेरे अना की, मैं तो झुक जाऊँगा
पर
फैसले वक़्त करेगा, तो गवाही कौन देगा!
ज़ख्मों को किनारे कर, मैं फ़िर डूब जाऊँगा,
पर,
मोहब्बत ना हुई, तो तबाही कौन सहेगा!-
मैं खबरों में कभी रहती नहीं हूँ
मैं लिखती हूँ मगर दिखती नहीं हूँ
मोहब्बत है मुझे तन्हाईयों से
मैं महफ़िल में कदम रखती नहीं हूँ
जहां का ग़म है मेरी शायरी में
पर अपना ग़म दिखाती नहीं हूँ
नहीं है मेरा कोई, और ना मैं किसी की,
किसी की आंखों का तारा नहीं हूँ
दिए है ज़ख्म मुझको ज़िंदगी ने
मैं घायल ज़रूर हुँ मगर टूटी नहीं हूँ-
The human heart was wired to love only,
Yet we have become so capable of hate
that we need to be reminded what love is!-