चलते हैं दबे पावँ कोई जाग ना जाए
गुलामी के असीरों की यही खास अदा है
होती नही जो क़ौम ---हक़ बात पर यक्जा
उस क़ौम का हाकिम ही बस उनकी सज़ा है!!!
यक्जा -एकजुट
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़- chandalfaz
29 JUN 2020 AT 11:39
चलते हैं दबे पावँ कोई जाग ना जाए
गुलामी के असीरों की यही खास अदा है
होती नही जो क़ौम ---हक़ बात पर यक्जा
उस क़ौम का हाकिम ही बस उनकी सज़ा है!!!
यक्जा -एकजुट
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़- chandalfaz