अंजान से जान बनना भी कितना ख़ास होता एक दुसरे की गहरायी जाननें का अलग एहसास होता| साथ बिताया पल तब यादगार बन जाता जब मोहोब्त हो पर मुलाक़ात नहीं हो पाता| -
अंजान से जान बनना भी कितना ख़ास होता एक दुसरे की गहरायी जाननें का अलग एहसास होता| साथ बिताया पल तब यादगार बन जाता जब मोहोब्त हो पर मुलाक़ात नहीं हो पाता|
-
I die inside....... -
I die inside.......
जहन में फिर से वो बाते आ गईदिल भी पहले जैसा हो गया।खुद में एक उलझन सी हो रही और दुबारा से उसी मोड़ पे आ गई। -
जहन में फिर से वो बाते आ गईदिल भी पहले जैसा हो गया।खुद में एक उलझन सी हो रही और दुबारा से उसी मोड़ पे आ गई।
आज फ़िर वो हसीन रात याद आ गयादिए वो वादे जहन में फिर समा गया।बस फर्क इतना है कि अब वो रात नही हैऔर वो शख्स साथ नहीं है। -
आज फ़िर वो हसीन रात याद आ गयादिए वो वादे जहन में फिर समा गया।बस फर्क इतना है कि अब वो रात नही हैऔर वो शख्स साथ नहीं है।
remembering the times we spent together 🥺 -
remembering the times we spent together 🥺
the front things is also changing.... -
the front things is also changing....
when I am depressed 😔............. -
when I am depressed 😔.............
to losing my soul.... -
to losing my soul....
No man..... -
No man.....
can you bring some happiness... -
can you bring some happiness...