24 MAR 2019 AT 15:12

बाबुल 'बबुल'
सर चढ सुरज खुब जलाये,
पथ राहो मे शोले बिछाये।
बस एक बबुल ओर हे बाबुल,
तन मन को शितलता दिलाये।
कडु होते हे तरू इनके,
पर जब दर्द उठे तो दवा बन जाये।
ओर जहाँ तो आग लगाये,
बाबुल कडु बबुल शितल छाँव दिलाये।

- 'मन'ओज (light of soul)