तुम्हारा इश्क भी मानो जैसे दिल्ली की हवा होजान ले के ही छोड़ेगा,सांसों में ज़हर उतरे तो कौन बचता है !! -
तुम्हारा इश्क भी मानो जैसे दिल्ली की हवा होजान ले के ही छोड़ेगा,सांसों में ज़हर उतरे तो कौन बचता है !!
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