16 JAN 2018 AT 0:37

भानु ओ भानु ..
जाते वक्त कमला के घर होते जाना
देखना कहीं बीमार तो नहीं, काम पे नहीं आती आजकल, कहना माँ ने बुलवाया है |
अपने बेटे भानु को बाहर जाते हुए देख लीला देवी ने कहा था !
आज एक सप्ताह होने को आये थे, पिछले शनिवार की बात थी, लीला देवी घर पर नहीं थी |
कमला जो उनकी बाई थी, भड़ी जवानी में ही विधवा हो चुकी थी ऊपर से 6 महीने का नवजात,
बहुत मुश्किलों से लोगों के घर काम करके गुजारा कर पा रही थी
उस सुबह हर दिन की तरह काम पे आयी थी,
और अपने काम में व्यस्त हो गयी थी,
फिर वो भविष्य के कठोर सत्य से अनभिज्ञ भानु के कमरे में पोछा लगाने पहुँची,
भानु, जो कई दिनों से अपनी लालची नजरों से कमला को ताड़ रहा था,
आज उसे मौका मिल गया था उसने कमला को दबोच लिया था,
बड़े फौलादी किस्म के बाजू थे उसके,
और कमला कमजोर पंछी की तरह बस छटपटा रही थी,
उसकी आबरू को उसके दीवारों में चुनवा दिया गया था और
उसकी चीखें उस दीवारों से टकरा-टकरा कर दम तोड़ चुकी थी
भानु ने कुछ पैसे देते हुए कहा की जब जरूरत हो और मांग लेना पर अपनी जुबान मत खोलना |
कमला जा चूकी थी दुबारा न लौट आने के लिए |
...."ठीक है माँ कह दूंगा" भानु भिनभिनाते हुए घर से निकल गया
माँ को क्या पता था की कमला अब यहाँ नहीं आएगी !!

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