खोज रहा टूटे तारों में, मैं कल की टूटी आशाएं।बीत गए जो कल अतीत में,डूब गई जो अभिलाषाएं।।बदले लय, बदले गीत - छंद, बदला वीणा का स्वर भी प्रिय।बदली किताब जीवन की पर, "मन" के पृष्ठों पर चित्रित, अब भी तेरी अंगड़ाई है।। -
खोज रहा टूटे तारों में, मैं कल की टूटी आशाएं।बीत गए जो कल अतीत में,डूब गई जो अभिलाषाएं।।बदले लय, बदले गीत - छंद, बदला वीणा का स्वर भी प्रिय।बदली किताब जीवन की पर, "मन" के पृष्ठों पर चित्रित, अब भी तेरी अंगड़ाई है।।
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चांदनी की छांह में हम बुन रहे जो बेजुबानी,कुछ तुम्हारे रूप की कुछ प्यार की मीठी कहानी।चांद का दर्पण बनी यह जब तलक नदिया बहेगी,हर जवां दिल में प्रेम की यह कथा जिंदा रहेगी।। -
चांदनी की छांह में हम बुन रहे जो बेजुबानी,कुछ तुम्हारे रूप की कुछ प्यार की मीठी कहानी।चांद का दर्पण बनी यह जब तलक नदिया बहेगी,हर जवां दिल में प्रेम की यह कथा जिंदा रहेगी।।
जब मौन गगन में शशि हंसता,आलिंगन में पूनम रात लिए।नन्ही कलियां शरमा जाती,अधखुले होंठो पर हास लिए।।मैं विकल सुना करता तट पर,उस नन्हीं-सी सरिता का स्वर।पागल हो गाता जाता हूं,जलता सा अभिलाषा लिए । -
जब मौन गगन में शशि हंसता,आलिंगन में पूनम रात लिए।नन्ही कलियां शरमा जाती,अधखुले होंठो पर हास लिए।।मैं विकल सुना करता तट पर,उस नन्हीं-सी सरिता का स्वर।पागल हो गाता जाता हूं,जलता सा अभिलाषा लिए ।
ओ वंशी के पागल गायक,तट पर रोती राधा रानी। निठुर श्याम! क्या भूल गए तुम, प्रथम मिलन की मधुर कहानी? -
ओ वंशी के पागल गायक,तट पर रोती राधा रानी। निठुर श्याम! क्या भूल गए तुम, प्रथम मिलन की मधुर कहानी?
पश्चिमी क्षितिज पर फहराया,रक्तिम बसंत का स्वर्णांचल। मंजरायी मीठी डाली में छिप, कूक उठी पगली कोयल।। -
पश्चिमी क्षितिज पर फहराया,रक्तिम बसंत का स्वर्णांचल। मंजरायी मीठी डाली में छिप, कूक उठी पगली कोयल।।
तेरे शहर में, कुछ यूं मेरी शाम हो गई।कि जिंदगी छोटी ही सही पर थी मेरी।अब हाल ये है,कि मोहब्बत में तेरी वो भी बदनाम हो गई।। -
तेरे शहर में, कुछ यूं मेरी शाम हो गई।कि जिंदगी छोटी ही सही पर थी मेरी।अब हाल ये है,कि मोहब्बत में तेरी वो भी बदनाम हो गई।।
अकेली राह का राही, अकेला इस जहां में मैं।मुकम्मल मंजिलों में हूं, अकेला बेसहारा मैं।।अकेली चंद रातों में, अकेला चांद रोता था।अकेली चांदनी से जब, मिलन को आसमां आता।।अकेली बारिशें देखो, तड़पते इस समंदर को।अकेले उनके वादे हैं, अकेली उनकी आशाएं।। अकेले हम भी चल पड़ते, अकेले हम हुए यूं सवार।अकेली नाव है मेरी, अकेले हम बने पतवार।। -
अकेली राह का राही, अकेला इस जहां में मैं।मुकम्मल मंजिलों में हूं, अकेला बेसहारा मैं।।अकेली चंद रातों में, अकेला चांद रोता था।अकेली चांदनी से जब, मिलन को आसमां आता।।अकेली बारिशें देखो, तड़पते इस समंदर को।अकेले उनके वादे हैं, अकेली उनकी आशाएं।। अकेले हम भी चल पड़ते, अकेले हम हुए यूं सवार।अकेली नाव है मेरी, अकेले हम बने पतवार।।
सागर की लहरों सी मस्ती,पवन वेग सा सीखा बहना। सीखे प्रीत के गीत भी हमने,मिलना सीखा और बिछड़ना।। -
सागर की लहरों सी मस्ती,पवन वेग सा सीखा बहना। सीखे प्रीत के गीत भी हमने,मिलना सीखा और बिछड़ना।।
Your lustrous smile and blissful face,Joy of my life and God's Grace. -
Your lustrous smile and blissful face,Joy of my life and God's Grace.
अगर मन में इरादे हों, सभी सपने तेरे होंगे।उठा दो आज तुम आँधी, जमाने भी फतह होंगे ।। -
अगर मन में इरादे हों, सभी सपने तेरे होंगे।उठा दो आज तुम आँधी, जमाने भी फतह होंगे ।।