लकड़ी का दरवाज़ा तेरी आने की राह तक रहा है खिड़कियां नजर गड़ाए बैठी है पर्दों ने कितने दिनों से करवट नहीं ली है कमरों में बंद पड़ी हमारी तस्वीरें अब मुस्कुराना छोड़ चुकी है.... क्या एक बार लौट आओगे फिर से गुलाबो में रंग भरने उसकी टहनियों से कांटो को निकालने आंगन में लगी तुलसी को सीचने बेजान सी तस्वीरों को मुस्कुराने के नए कायदे सीखाने बालकनी के गेट पर लगे, ड्रीम कैचर में कुछ नए सपनों को जोड़ने क्या एक बार लौट आओगे एक लड़की को फिर से दुल्हन सी सजाने उसकी कलाइयों में कुछ चूड़ियां पहनाने माथे पे उसके सुर्ख लाल रंग सजाने एक बार फिर उसकी हथेलियों में मेहंदी रचाने क्या एक बार लौट आओगे किसी की मुस्कान हाथो में लिए सुकूून को बाहों में जकड़े हुए श्रृंगार के सारे मायने अपनी वर्दी कि जेब में समेटे हुए क्या एक बार लौट आओगे सूने मकान को फिर से घर बनाने के लिए एक सुहागन को उसका वजूद लौटाने के लिए
लकड़ी का दरवाज़ा तेरे आने की राह तक रहा है खिड़कियां नजर गड़ाए बैठी है पर्दों ने कितने दिनों से करवट नहीं ली है कमरों में बंद पड़ी हमारी तस्वीरें अब मुस्कुराना छोड़ चुकी है.... क्या एक बार लौट आओगे फिर से गुलाबो में रंग भरने उसकी टहनियों से कांटो को निकालने आंगन में लगी तुलसी को सीचने बेजान सी तस्वीरों को मुस्कुराने के नए कायदे सीखाने बालकनी के गेट पर लगे, ड्रीम कैचर में कुछ नए सपनों को जोड़ने क्या एक बार लौट आओगे एक लड़की को फिर से दुल्हन सी सजाने कुछ उसकी कलाइयां में चूड़ियां पहनाने माथे पे उसके सुर्ख लाल रंग सजाने एक बार फिर उसकी हथेलियों में मेहंदी रचाने क्या एक बार लौट आओगे किसी की मुस्कान हाथो में लिए सुकूून को बाहों में जकड़े हुए श्रृंगार के सारे मायने अपनी वर्दी कि जेब में समेटे हुए क्या एक बार लौट आओगे सूने मकान को फिर से घर बनाने के लिए एक सुहागन को उसका वजूद लौटाने के लिए