मानवेन्द्र सिंह राठौड़ टाडाँ  
135 Followers · 134 Following

Joined 15 June 2017


Joined 15 June 2017

मेरे हसीन ख़्वाबों की किताब हो
""तुम""
जिसे सोते और जागते हुए पढता रहता हूँ
""मैं""

-



मुझसे बेवफाई करके मेरे दर्द को न बढ़ा
"""ऐ जालिम"""
ख़ुदा करे.. तुझे बेवफाई का दर्द न उठाना पड़े

-



मेरे प्यार से इनकार तुमने कुछ इस तरह किया......

तुम्हारी झुकी नज़रे बोल रही थी
और
लब गहरी ख़ामोशी लिए हुए थे

-



इन खुली आँखों से हर तरफ ढूंढता हूँ
""तुझे""
लेकिन जब भी आँखें बंद करता हूँ...तो हर तरफ तू ही तू नज़र आती है
""मुझे""

-



तेरी याद में बहकने का मजा कुछ और ही है......
ऐ सनम
शराब की इतनी औकात कहाँ जो हमें बहका दे....

-



जीवन एक ऐसा खेल है

जिसके साथ कभी आप खेलते है.......
तो कभी दुनिया......

-



मैं एक गुमनाम रास्ते पर
एक अनजान मंज़िल की तरफ
बढ़ता जा रहा हूँ।

मुझे ऐसा लगता है की
मैं किसी के इश्क में
डूबता डूबता और डूबता जा रहा हूँ।।

-



****** ऐ सनम ******

तुम्हारी इन मधभरी आँखों से,
कौन बच पाया है, ऐ सनम ।
मैंने तो इकबार पिया था मय इनका,
आज तक नशे में झूम रहा हूँ, ऐ सनम ।।1।।

न जाने कितनी ख्वाहिशें छुपी है,
इन आँखों में, ऐ सनम।
मैं तेरी हर ख़्वाहिश बनकर,
रहना चाहता हूँ इनमें, ऐ सनम ।।2।।

मुझे निहारती उन आँखों के,
गुमनाम सवालों का ,ऐ सनम।
हसीन जवाब बनकर उनमें,
खो जाना चाहता हूँ, ऐ सनम ।।3।।

तू न दे ज़ख्म मेरी रूह को,
इन आँखों से, ऐ सनम।
अगर मैं बिखर गया तो,
बाकी न रहेगा कुछ तुझमें भी, ऐ सनम ।।4।।

तेरे आँखों के सहर का,
है ये असर, ऐ सनम।
मेरी छोटी सी जिंदगी,
हो गयी बसर, ऐ सनम ।।5।।

-



मेरे अरमानो को जरा हवा दे
ऐ साकी
मरने से पहले कर लू पूरी
हर ख्वाईश बाकी

-


Seems मानवेन्द्र सिंह राठौड़ टाडाँ has not written any more Quotes.

Explore More Writers