Kaviraaz Mishra   (KaviRaaZ)
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Joined 9 September 2018


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Joined 9 September 2018
2 APR AT 0:04

जो तारे टूट गए हों गर्दीशो में वो कभी जगमगाया नहीं करते!

टूटे हुए लोग अपनी जिंदगी में अक्सर दोबारा मुस्कुराया नहीं करते!

💔

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10 MAR AT 0:29

होगा जब भी जहां जिक्र मेरा वहां उस वक्त सनम तुम रो दोगे!
मैं रहा खामोश और मेरी ख़ामोशी ना समझी तो एक दिन मुझे खो दोगे!

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25 FEB AT 1:02

इस जिंदगी में सनम जब से हमे तुम मिल गए!
मानो दिल की बंजर ज़मी पर प्यार के फूल खिल गए!

हमारे दर्द कम हो गए हम मुस्कराने लगे आंसू थम गए!
जब से तुम संग रहने लगे लगने लगा हम तुम तुम हम हो गए!

दोनो ही अनजान थे मिलने से पहले फिर अचानक पास आए!
सोचा रहेंगे दोस्त मगर दोस्त से भी ज्यादा एक दूजे के खास हो गए!

खोई सी थी मेरी ये जिदंगी बेजार बेकार सा लगता था जीना !
तुम्हारे छू लेने से जिदंगी जीने को नए बहाने मिल गए!

ये रात बोहोत प्यारी है और तुम सनम उससे भी प्यारी!
क्योंकि कल साल का सबसे ख़ास दिन हैं तुम्हारा!

तुम लड़ो झगड़ों अच्छा लगता हैं- गुस्सा करो अच्छा लगता हैं!
तुम्हें सताना अच्छा लगता है - तुम्हे हर बात बताना अच्छा लगता है!
रोती हो तुम आंख से मेरा दिल रोता है - तुम्हारे दर्द से दर्द मुझे भी होता है!
प्यार है तुमसे तुम प्यार आखरी हो मेरा - तुमसे खुशी और तुमसे है दर्द मेरा!

जन्मदिन पर ये प्यारे अल्फाज़ सिर्फ तुम्हारे लिए!
आज से कविराज की हार जीत तुम्हारे लिए!

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7 FEB AT 23:07

एक हंसता मुस्कुराता चेहरा अब क्यों खामोश रहता है!

गमों का जाम पिए वो गमों के साय में क्यों मदहोश रेहता हैं !

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अगर किसी ने जबरदस्ती उससे पूछ लिया होता तो वो बता भी देता शायद!

कि कभी जो करता था खुल कर जीने की बाते वो आज क्यों इतना हताश रहता हैं!

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3 FEB AT 20:27

कोई किताब कितनी बाते बताती हैं!
मगर मेरे समझ में क्यों नहीं आई वो बाते!

कहते हैं जिन्दगी में खुशी की राते भी आती हैं!
मगर अभी तक मेरे हिस्से में क्यों नही आई वो राते!

कोई मुझे भी मुझ जैसा एक बार यार चाहता क्यों नही हैं!
ए-खुदा तू बता एक बार मेरी खातिर ज़मी पर आता क्यों नहीं हैं!

रोए जा रहा हूं मैं अंदर अंदर से ये सोच कर और हैरान परेशान बैठा हूं!
की जिंदगी की किताब का पन्ना राज से भरा कवि किसीको दिखाता क्यों नही है!

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3 FEB AT 20:09

अगर मैं रोदू कभी तो मुझे अपने गले से लगाना तुम!
अगर हसदू कभी तो अंदर हैं दर्द ये समझ जाना तुम!

मैं दर ब दर भटकता रहा हूं एक अरसे से सुकून की तलाश में!
हो जाऊ किसी बात से कभी बेचैन तो मेरा सुकून बन जाना तुम!

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19 JAN AT 23:05

मैं क्या लिख रहा हूं अब ये तो मैं नहीं जानता!
मेरे दिल के काबिल है तेरे सिवा कोई यहां मैं नहीं मानता!

जा दे दिया तुझे अपनी आखरी मोहब्बत का दर्जा अपनी जिंदगी में!
और अब जो होना था वो तो हो चुका और जो होगा आगे वो मैं नहीं जानता!

❤️🌍

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14 JAN AT 0:04

मैं टूटा हुआ सा बस एक तारा सा था !

वो मिला तो जैसे मैं चैन सा जुड़ने लगा हूं!

मैं कभी जो गलियां प्यार की पीछे छोड़ आया था!

आजाने से उसके फिर से उन गलियों मुड़ने लगा हूं!

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14 JAN AT 0:01

मैं टूटा हुआ सा बस एक तारा सा था !

वो मिला तो जैसे मैं चैन सा जुड़ने लगा हूं!

मैं कभी जो गलियां प्यार की पीछे छोड़ आया था!

आजाने से उसके फिर से उन गलियों मुड़ने लगा हूं!

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2 DEC 2023 AT 21:41

मेरे आगे अपनी खामोशी को तोड़ दिया करो!
मेरी जान कुछ अच्छा न लगें तो हमे बोल दिया करो!

हमे बोलना और सुनना बोहोत पसंद है तुम्हारा!
मेरी जान हमारे आगे अपने दिल को खोल दिया करो!

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