हम क्या कहें अहबाब क्या कार-ए-नुमायाँ कर गए, बी-ए हुए नौकर हुए पेंशन मिली फिर मर गए- अकबर इलाहाबादी -
हम क्या कहें अहबाब क्या कार-ए-नुमायाँ कर गए, बी-ए हुए नौकर हुए पेंशन मिली फिर मर गए- अकबर इलाहाबादी
-