11 APR 2019 AT 21:28

बे-रदिफ, गैर-मुरद्दफ गजल मे अपना हाल-ए-दिल लिखता हुँ मेँ,
अब फिर मत पूछना की क्या और क्युं लिखता हुँ मेँ...

- Malang