मुसाफ़िर हु तो अच्छा है गर आशिक़ होता तो,न जाने राह मे कितने दिल टूटे होते।। - Living Soul
मुसाफ़िर हु तो अच्छा है गर आशिक़ होता तो,न जाने राह मे कितने दिल टूटे होते।।
- Living Soul