अनेक रिश्ते बनाए और सबका मोल समझा
यह सोचकर सिंचाई करती गई कि इतने पक्के कर दूंगी कि वे सदा पनपते रहें
विश्वास था कि ज़िंदगी की बगिया उनकी खुशबू से महकती रहेगी
हां, अब सब खिल तो उठे हैं
पर किसी को उसकी बीज याद नहीं
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बहुत अहमियत दिया रिश्तों को
खुद से आगे रखा अपनों को
हर रिश्ते को सींचते गई
सब पनपते गए और फिर
एक एक कर के
सब दूर होते चले गए
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Be fiercely independent
but not at the cost of intoxicating others
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आज आंखों में चमक आई है
और होठों पर मुस्कान
आज एक बार फिर
उन यादों को जीने जो लौटा हूं
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कि कोई छूट न जाए
तो सबको साथ लेकर
चल रहे थे हम
कोई ख़बर कहां थी
कि बस इस्तेमाल
हुए जा रहे थे हम
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उसे हंसते-हंसाते
गाते गुनगुनाते
और बस चहकते देखा था मैंने
पर आज जब उसे
ख़ुद के हालातों से लड़ते देखा
और पूरे हौसले से दर्द के साथ
भी खेलते देखा
तो विश्वास कर बैठी हूं
कि वह ही शक्ति और ऊर्जा
का असली रूप है-
With a heart of gold and laughter so pure,
she kept hiding her pain a little more
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अब ख़ुद से ही बातें करके
ख़ुद को समझा लेती हूं
वो बातें जो मैं तुझसे
कभी साझा करती थी
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When you become unknown to a known,
you will never want to know any other unknown
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