के तुलनाएँ भी अब कमाल होने लगी है..!खुद की बेटी "बेटी" दूसरों की माल होने लगी है.!! -
के तुलनाएँ भी अब कमाल होने लगी है..!खुद की बेटी "बेटी" दूसरों की माल होने लगी है.!!
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बड़े नासूर से हो चुके हैं अब ये जख्म मेरे..!के भला दर्द भी हो तो कब तलक हो.!! -
बड़े नासूर से हो चुके हैं अब ये जख्म मेरे..!के भला दर्द भी हो तो कब तलक हो.!!
के यूँ पल दो पल के साथी तो हर रोज़ मिलते हैं..!तुम साथ कयामत तक दो तो कोई बात हो.!!— % & -
के यूँ पल दो पल के साथी तो हर रोज़ मिलते हैं..!तुम साथ कयामत तक दो तो कोई बात हो.!!— % &
अकेला रहने की कुछ यूँ आदत सी हो गई है..!के सुनो महफिलों में अब मेरा मन नही लगता.!!— % & -
अकेला रहने की कुछ यूँ आदत सी हो गई है..!के सुनो महफिलों में अब मेरा मन नही लगता.!!— % &
एक ही गलती को में नादाँ हर बार दोहराता रहा..!के जो कभी समझा ही नही मुझे में उसे समझाता रहा.!! -
एक ही गलती को में नादाँ हर बार दोहराता रहा..!के जो कभी समझा ही नही मुझे में उसे समझाता रहा.!!
के मत पूछ सबब तू मुझसे यूँ तुझसे दूर जाने का..!मै खुद कातिल बन बैठा हूँ खुद ही के मर जाने का.!! -
के मत पूछ सबब तू मुझसे यूँ तुझसे दूर जाने का..!मै खुद कातिल बन बैठा हूँ खुद ही के मर जाने का.!!
ज़िन्दगी की मासूमियत को कुछ यूँ तबाह होते देखा है..!के मैने हर शख्स को ईश्क़ में रोते देखा है..! -
ज़िन्दगी की मासूमियत को कुछ यूँ तबाह होते देखा है..!के मैने हर शख्स को ईश्क़ में रोते देखा है..!
के माशुक को माशूकाओं के संग में नाम जमते हैं..!मुझे तो बस मेरे संग में प्रभु श्री राम जमते हैं.!! -
के माशुक को माशूकाओं के संग में नाम जमते हैं..!मुझे तो बस मेरे संग में प्रभु श्री राम जमते हैं.!!
के पीठ में ख़ंजर घोंपे जो उनसे कोई मेल नही होता है..!ओर जो वार कर निर्दोषों पर उनसे कोई खेल नही होता .!! -
के पीठ में ख़ंजर घोंपे जो उनसे कोई मेल नही होता है..!ओर जो वार कर निर्दोषों पर उनसे कोई खेल नही होता .!!
धूल धरे शस्त्रों पर ओर यहाँ शास्त्र छुपाए जाते हैं..!के दिव्यमान शास्त्री दबा गांधी चमकाए जाते हैं.!! -
धूल धरे शस्त्रों पर ओर यहाँ शास्त्र छुपाए जाते हैं..!के दिव्यमान शास्त्री दबा गांधी चमकाए जाते हैं.!!