11 DEC 2019 AT 17:39

पर उपदेश कुशल बहु तेरे।
जाकी रही भावना जैसी।।
दोनों चौपाईयां अलग-अलग हैं लेकिन बहुत कुछ कहती हैं।।
जो ज्ञान हम दूसरों को देते हैं यदि खुद पर अमल करें तो यह संसार स्वर्ग बन जाये।
भारत माता की जय।
आपका कुमार मयंक।

- कुमार मयंक गीतकार रायबरे