20 JUL 2017 AT 16:15

दिल आशिक़ों का बहलता रहे
ये बादल यूँ ही बस बरसता रहे
मुझे गिला नहीं मौला बरसात का
गरीबों का चुल्हा बस जलता रहे

- करम