मैं शाहीन बाग हूँ
जी हाँ मैं शाहीन बाग हूँ।
हाथ तिरंगा,मन में दंगा
अमन चैन को डसने वाला
मैं ज़हरीला नाग हूँ
हाँ,मैं शाहीन बाग हूँ।
महिलाओ के आड़ में
नफ़रत की बाड़ में
हर शहर में लालचौक हूँ
मैं पाक-परस्तो का सब्ज़बाग़ हूँ
मैं शाहीन बाग हूँ।-
1st cry 7th... read more
Kadam kadam badhaye ja
Khushi ke geet gaye ja
Ye zindgi hain kaum ki
Tu kaum pe lutaye ja
Kadam kadam badhaye ja
Kadam kadam badhaye ja
Khushi ke geet gaye ja
Ye zindgi hain kaum ki
Tu kaum pe lutaye ja
Kadam kadam badhaye ja
Tu sher e hind aage badh
Marne se phir bhi tu na darr
Udake dushmano ka sir
Josh e watan badhaye ja
Tu sher e hind aage badh
Marne se phir bhi tu na darr
Udake dushmano ka sir
Josh e watan badhaye ja
Chalo dilli pukar ke
Kaumi nisha sambhal ke
Lal kile pe gaad ke
Lehraye ja lehraye ja
Kadam kadam badhaye
Ja khushi ke geet gaye ja
Ye zindgi hain kaum ki
Tu kaum pe lutaye ja
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वे अनपढ़ हैं,
अशिक्षित हैं।
पंचर भी बनाते हैं,
बकरे भी काट लेते हैं,
लेकिन फिर भी उन्हें पता है कि सीरिया, फिलिस्तीन, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, फ्रांस में क्या हो रहा है?
हम सुशिक्षित भी हैं और संस्कारित भी। ऊंचे-ऊंचे सरकारी पदों पर सुशोभित भी हैं। लेकिन कश्मीर में 19 जनवरी 1990 में क्या हुआ, अनभिज्ञ हैं।
कैराना में क्या हुआ, भरत यादव, अंकित, डॉक्टर नारंग, ध्रुव त्यागी, प्रियंका रेड्डी के साथ क्या हुआ, अनभिज्ञ हैं।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं की छोड़िए, पड़ोस के हिंदुओं के साथ क्या हुआ, मतलब नहीं रखते।
वे अशिक्षित होकर अपने 57 देश बना लिए, हम शिक्षित होकर भी एक देश नहीं बचा पा रहे।
यही विडम्बना है।-
"ये दौर है मंथन का,परिवर्तन का,
अभी कुछ और तमाशा होने दो"
"कितनों के भीतर छिपा है जिन्ना,
इतना और ख़ुलासा होने दो"
वन्देमातरम्-
हम दिखाएंगे.....
वादा है की हम भी दिखाएंगे
वो दिन जिसका तुम्हे ख़ौफ़ चढ़ा है
जो वेदों में लिखा गढ़ा है
जब अत्याचार का मक्का भी
रुई की तरह उड़ जाएगा
मातृभूमि के नाम के आगे
अखंड भारत जुड़ जाएगा
जब सनातनियो के कदमो से
धरती धड़ धड़ धड़केगी....
जेहादियो के सर के उपर
जब बिजली कड़ कड़ कड़केगी
जब स्वर्गलोक सी भारत माँ से
सब विधर्मी सँहारे जाएंगे
अफज़ल कसाब बुरहान जैसे
घर घर से मारे जाएंगे
जब हर मोमिन के दीमाग से
गज़वा ए हिन्द हटाये जाएंगे
वसुधैव कुटुम्बकम् के अनुयायी
सिहांसन पर बैठाये जाएंगे....
सब ताज़ उछाले जाएंगे
सब खलीफा गिराये जाएंगे
बस नाम रहेगा महाकाल का
जो शून्य भी है इकाई भी
जो संरक्षक भी है विनाशक भी
गूंजेगा ओउम् का उद्धघोष
जो तुझमे भी है मुझमे भी
और राज करेगा सिर्फ राष्ट्र भक्त
जो तुझमे भी है मुझमे भी ।।।
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वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
चाय का मजा रहे, प्लेट पकौड़ी से सजा रहे
मुंह कभी रुके नहीं, रजाई कभी उठे नहीं
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
मां की लताड़ हो या बाप की दहाड़ हो
तुम निडर डटो वहीं, रजाई से उठो नहीं
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो-
वो बीत गया, वो चला गया,
कुछ देके गया, कुछ छला गया !
कुछ यादें अपनी छोड़ गया ,
कुछ वायदे आधे छोड़ गया !
जो नहीं साथ अब
उसकी न कोई भी टीस रहे,
कुछ कर गुज़रो
कुछ पा लो तुम
ऐसा ये तुम्हारा बीस रहे
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उष्ट्राणां च विवाहेषु गीतं गायन्ति गर्दभा: |
परस्परं प्रशंसन्ति अहो रुपमहो ध्वनि: ||
ऊंटो के विवाह मे गधे गाना गा रहे हैं। दोनो एक दूसरे की प्रशंसा कर रहे हैं वाह क्या रूप है (ऊंट का), वाह क्या आवाज है (गधे की)।-
जो भी करता हूं बेहिसाब करता हूं,
ये अंदाज भी है मेरा ये ही कमजोरी भी-