मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना!-
बड़ी से बड़ी कहानी भी दो लब्जों में कहना पसंद करता हूँ।
'फौजी के अल्फ़ाज़' NGO का अ... read more
भीड़ में चलता हूँ तो याद आता है,
कभी अकेले में अकेला था,
आज भीड़ में अकेला हूँ!-
कई बार ख़ामोश न रहा जाये तो बेहतर है,
रिश्तों का क़त्ल न किया जाये तो बेहतर है!
मरता है हर कोई इस दुनिया में आकर,
बस तुम्हारा इश्क़ न मर जाये तो बेहतर है।-
आज कल कुछ लिखने का जी नहीं करता,
न लिखूँ तो कुछ करने का जी नहीं करता,
बनाने वाले ने भी क्या खूब बनाया है मुझे,
जो कुछ न करूँ तो जीने का जी नहीं करता।-
कभी-कभी देश हित में इतनी बड़ी क़ीमत चुकानी होती है,
कि उसका अंदाज़ा कोई और नहीं लगा सकता।
ज़िंदगी तबाह हो जाती है, लेकिन आपका ग़ुरूर आपको रोने नहीं देता।-
“उठा कर पटक देती है मुझे अक्सर
मेरी ही ख्वाहिशें...
बाजार की गुलामी करवाती हैं अक्सर
मेरी ही ख्वाहिशें...”-
“दे आशीष मुझे ऐ दुर्गा माँ, भले तेरी पूजा न कर पाऊं।
तिलक लगा इस मिट्टी का, एक रोज़ वतन पर मर जाऊं।”
🇮🇳
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏-
ख्वाहिशें जो पूरी न हो तो, अब हैरानी नहीं होती।
सीख लिया है मन को मारना, अब मनमानी नहीं होती।
ए ज़िंदगी तूने दिए है जो लाख सितम मुझको,
कि अब सौ दर्द जो मिले तो, परेशानी नहीं होती।-
कई दफ़ा कुछ नज़्म अधूरे रह जाते हैं,
कई दफ़ा मीलों दूर किनारे रह जाते हैं।
एक दफ़ा पूछ तो लेते ख्वाहिश हमारी,
कई दफ़ा समंदर भी प्यासे रह जाते हैं।-