New edition of prerna rani dehlvi
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Lyricist & Poet
( Prernarani19771@gmail.com )
𝓐𝓷𝓴𝓪𝓱𝓮𝓼𝓱𝓪𝓫𝓭
मोहब्बत पुरानी ही सही
मिलो तो नजरें झुकाए रखना
गुफ़्तगू कैसी भी हो
तकल्लुफ़ बनाए रखना !-
𝓐𝓷𝓴𝓪𝓱𝓮𝓼𝓱𝓪𝓫𝓭
रिश्ते कोई परिधान नहीं है जो
पसंद ना आने पर बदल दिये जायें।
इन्हें कमियों के बाद भी
कमियों के साथ ही जीना पड़ता है।-
𝓐𝓷𝓴𝓪𝓱𝓮𝓼𝓱𝓪𝓫𝓭
रिश्ते कोई परिधान नहीं है जो
पसंद ना आने पर बदल दिये जायें।
इन्हें कमियों के बाद भी
कमियों के साथ ही जीना पड़ता है।-
𝓐𝓷𝓴𝓪𝓱𝓮𝓼𝓱𝓪𝓫𝓭
गर चाहते रहोगे चाहतों का सिला
तो टूट जायेगा चाहतों का सिलसिला।
अगर पाना हो मुक़म्मल इश्क़ तो
ना करना कभी हक़दार-ए-इश्क़ से गिला॥-