सुनते तो बहुत हैं पर देखते नहीं हैं,लाचारियों को दूसरों की।जानते तो बहुत हैं पर महसूस नहीं करते हैं ,कमजोरियों को दूसरों की ।हम इंसान हैं हर चीजों को तौला करते हैं ,फिर वो मोल रिश्तों का हो या फिर इंसानों का।। -
सुनते तो बहुत हैं पर देखते नहीं हैं,लाचारियों को दूसरों की।जानते तो बहुत हैं पर महसूस नहीं करते हैं ,कमजोरियों को दूसरों की ।हम इंसान हैं हर चीजों को तौला करते हैं ,फिर वो मोल रिश्तों का हो या फिर इंसानों का।।
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