अजी इश्क़ का हाल ए दिल कोई हमसे पूछे,
जो है बीमार एक तरफा इश्क़ में दवा कोई हमसे पूछे,-
Poet, Shayar, Lyricist
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भरे नहीं कुछ ज़ख्म ऐसे भी है मिलें,
भरे कैसे जो शख्स में वफ़ा न मिलें,
फर्श से अर्श तक हर सवाल रब से
मिलेंगे जवाब जो कोई दिल-ए-खास मिले,-
हाथ में शराब तस्तरी में कबाब
सामने बैठा हो हुस्न ओ शबाब
कितने हसीं है ये इश्क़ के ख़्वाब
लाए हैं आपकी खिदमत में गुलाब-
तू जब ख्वाबों में आती है
धड़कन भी मचल जाती है
दुनियां मेरी बदल जाती है
आंखें रो रो नीर बहाती है
तेरी कमी का एहसास कराती है
समय का आइना दिखा जाती है
पास मेरे सब कुछ होगा बस एक तू नही
जिन्दगी से गिला बता जाती है-
जवां रातें तन्हाइयों में कट रही हैं
कोशिशें तमाम सुकून पाने की
जिंदगी किश्तों सी दर्द में बट रही है
कोशिशें तमाम खुशियां रोक पाने की-
एक तेरे सिवा दिल ने किसी को न चाहा
अफसोस के तू भी हमारा नही हो सकता-
लिखी थी हमने किसी की साड़ी गुलाबी
अब नही लिखी जाती बात कोई किताबी
वक्त और दौर का है दोहरा अंदाज खफा
बेशक अब रहता है वो प्रिय शख्स खफा-
लहराते बाल मुस्कुराते लब जुल्फें संवारती उंगलियां,
देख कर ये नजारा दब गई दांतो तले मेरी उंगलियां,-
कहीं जिन्दगी पर भी मुकदमा दर्ज़ किया जाए,
कोई तो अदालत ऐसी भी जहां में बनाई जाए,
मुझे न्याय दो और कटघरे में सवाल जिंदगी से करो,
मुझे हर पल जिंदगी क्यों दे रही है नई नई यातनाएं,-