जब गहरे समुन्दर में तैर कर थक जाओगे,
पीछे मुड़कर देखोगे, तो हमारा हाथ पाओगे ।
जब कभी हमसे ख़फ़ा होकर रूठ जाओगे,
समंदर के तट पर तुम्हारे इंटेज़ार में हमें पाओगे ।
चाहे तूफ़ान आए या मौसम हो जाए बेईमान
वादा करो तुम जो कभी
क्लेश में यदि हमारा हाथ छोड़ोगे भी,
तो फिर से थामने ज़रूर आओगे ।
~Nature's child
©Kavan Chheda
23rd November, 2017
- © Kavan Chheda