कभी कभी इंसान सच मे थक जाता है..
खामोश रहते - रहते..
दर्द सहते - सहते..
सब्र करते - करते..
उम्मीद रखते - रखते..
रिश्ते निभाते - निभाते..
सफाई देते - देते..
और
अपनो को मनाते - मनाते..- Kaushik Parsana
26 APR 2019 AT 3:37
कभी कभी इंसान सच मे थक जाता है..
खामोश रहते - रहते..
दर्द सहते - सहते..
सब्र करते - करते..
उम्मीद रखते - रखते..
रिश्ते निभाते - निभाते..
सफाई देते - देते..
और
अपनो को मनाते - मनाते..- Kaushik Parsana