पहले अनजान थे, फिर नज़र मिली I
इस में मेरा क्या कुसूर I
गलती से तेरा हात मेरे हात लगा I
इस में मेरा क्या कुसूर |
फिर नज़र मिली, और दोनों मुस्कुराये |
इस में मेरा क्या कुसूर |
और दोस्ती होगई, पर लोगो को कुछ और लगा |
इस में मेरा क्या कुसूर |
थो छोड़ कर चली गयी, दूसरों के बातें सुन कर |
इस में मेरा क्या कुसूर |
तेरे न होने की कमी महसूस होरही हैं क्यूँ ?
एक तरफा प्यार करने लगा हूँ, इस में मेरा क्या कुसूर |
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