गर्द में गुबार में, जीत में या हार में,,
प्रेम की फुहार में,गर्त में या खार में,,
सबल रखें आत्मा,शक्ति दे परमात्मा,,
हम विजय ध्वजा लिए,साथ में प्रजा लिए,,
वीर हम बढ़े रहें,कष्टों से लडे़ रहें,,
रौशनी स्पष्ट हो,अंधकार नष्ट हो,,
आत्म शक्ति हो बड़ी,बन दिवाल हो खडी़,,
सामने पहाड़ हो,शत्रुओ की बाढ़ हो,
हम निडर डरें नहीं,रोके से रूके नहीं,,
⛰️🏝️⛰️

- 'कमल' बरेलवी