Kamal Kant Joshi   (©kamal kant, Bengaluru)
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Joined 26 October 2017


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17 DEC 2021 AT 19:28

आज की चर्चा 200 करोड़ की ठगी

पूरी चर्चा Caption में

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15 DEC 2021 AT 8:37

आंखें बंद हो जाती हैं 🤪

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14 DEC 2021 AT 18:46

कम से कम अपना मन तो हल्का हो जाएगा 😭

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30 AUG 2021 AT 19:01

लेकिन कुछ लोग यह कहते हुए जानबूझकर करते हैं 😜

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26 AUG 2021 AT 18:34

टेस्ट मैच पांच दिन खेला जाता है। प्रतिदिन नब्बे ओवर का खेल। हर ओवर में छह गेंदें लेकिन बल्लेबाज को आउट करने के लिए सिर्फ़ एक गेंद ही काफी है। हमारी आपकी जिंदगी से कितना मिलता-जुलता है यह खेल।

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21 AUG 2021 AT 6:25

प्रायः आप सब ने सुना होगा कि वो जमाना और था :
           1.पांच रुपए सेर देसी घी
            2.पचास पैसे सेर दूध
           3.एक रुपए का 2-1/2सेर गेहूं
           4.पचास पैसे सेर चीनी
           5. मेरी स्कूल फीस पचास पैसे महिना

           आश्चर्य न करें! हम भी इसी तरह अचंभे में पड़ जाते थे, जब कोई बुजुर्ग अपने जमाने के दाम बताता था। आप भी जब आजकल के दाम अपने नाती-पोतों को कल बताएंगे तो वह भी आश्चर्य करेंगे।

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20 AUG 2021 AT 20:29

संतोषम परम सुखम । निर्विवाद रूप से यह सत्य है, लेकिन क्या यह वांछनीय भी है ? यह एक विवादित चर्चा का विषय है। जब कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है ,तभी यह सवाल भी सामने आ खड़ा होता है कि संतोष को परम सुख मानने पर
क्या 'आवश्यकता ' की भ्रूण हत्या नहीं हो जाती ?

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31 JUL 2021 AT 22:51

जो तुमसे छुपाई जाए।

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29 JUL 2021 AT 4:47

एक प्रेम ही है जो किसी योजना के तहत नहीं होता। इसलिए प्रेम में कोई प्लान 'बी' भी नहीं होता।

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24 JUL 2021 AT 20:37

कौन आएगा यहां, कोई न आया होगा
बेशर्म हवाओं ने दरवाजा खटखटाया होगा

यह मेरा सिंगार और यूं सजना संवरना
सब है बेकार गर तेरा खत न आया होगा

मैं नाराज़ तो हूं लेकिन इतना भी नहीं
उन दरख्तों को आंधियों ने गिराया होगा

अश्कों की नुमाइश से परहेज़ है हमको
बारिश ने दामन को मेरे भिगाया होगा

कौन आएगा यहां कोई न आया होगा
बेशर्म हवाओं ने दरवाजा खटखटाया होगा

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