कैश़   (Anurag...)
110 Followers · 66 Following

___❣️NAVODAYAN❣️___
Insta- @anuragvishwakarma26
Joined 11 April 2020


___❣️NAVODAYAN❣️___
Insta- @anuragvishwakarma26
Joined 11 April 2020
15 FEB 2024 AT 21:16


"तुम कहतीं कब तक प्रेम में साथ चलेंगे
मैं कहता सारी हद के पर चलेंगे
फिर तुम कहती प्रेम में हद क्या है
मैं कहता तुम्हारी जिद क्या है
तुम कहती मेरी जिद तो बस तुम हो
मैं कहता मेरी 'प्रेम की हद' भी तुम हो"


-


7 FEB 2024 AT 14:06

हम तुम्हे पाने की आरजू ही ना रखते
जो तुम ना मिलते ये दिल कहाँ रखते?

आज तक मैंने बस तुमको ही खुदा माना
जो इश्क ना करते तो किसको सजदा करते?

एक अदा है तुम्हारी बहुत कुछ ना कहना
ये खामोशिया ना होती, कैसे अहसास बयां करते?

तुम्हारी सादगी, नफासत और ये अल्हड़पन, मगर
ये आँखे ना देखी होती, जां किसपे फना करते?

-


12 AUG 2023 AT 9:31

विस्तृत नील गगन मे देखा
देखा अनंत दिशाओं मे
वो खुशबू अब तक मिली नहीं
जो बसती मेरी साँसों में

दूर क्षितिज पर एक बिंदु है
उसके नीचे वो होगी
किसी पुस्तक के पन्नों में
या झूलों में मग्न होगी, और
पावन सावन मास रहा यह
या शिव भक्ति में रत होगी
अथवा संध्या में छत पे बैठी
अपने कल को पढ़ती होगी

काश हवा तुम वाहन होती
एक संदेशा मेरा ढोती
कहती उसके कानो में
कोई रहता है आशाओं में
प्रेम प्रिया का मिला नही
जो बसती मेरी साँसों मे...

-


30 JUN 2023 AT 12:23

निराकार साकार का साजन सजन रहीश।
लखे निकृति जाय कर जन दाता जगदीश।।
सेदारे चरनन गिरो नेह नजर से छान।
ध्यान धरे अरजी करे सत निर देही जान।।

अत आला दिलदार जहां का चेतन चित्त नजारा है।
आदि अंत का जानन हारा सैदा सिर जन हारा है।।
तोरे नैना चरन हजार। तर गई निरती कर इजहार।
निरखी आद अंत आधार। (जन हितकारी)।
निर्जन शाही शील निधान। नजारा न्यारा आलीशान।
तासे देखत सकल जहान।(हे नरधारी)।
अटल सत्य सिंहासन साजन लीला अघर निराली।
सेतु आड़ के आगे जाहिर निज जाना दिलजानी।।

कला धर सैले शहर जन की करे सहाय
तरन तार राजे अधर रहे संत जन गाय
निज संतन के कारन ज्ञानी करे सठन की हानि।।

-


24 APR 2023 AT 12:53

मेरे दिल की धड़कन, मन का भाव बन जाओ
सांसों की खुशब, आंखों का ख़्वाब बन जाओ
तेरे ही ख्यालों में खोया रहूं मैं उम्र सारी
मेरी जिंदगी की तुम ऐसी किताब बन जाओ।

-


8 APR 2023 AT 10:58

हवा की अठखेलियां
(शीर्षक)

-


4 APR 2023 AT 13:16

पर पुनि-पुनि प्रभु पूछत हैं
श्री रूप शब्द से खींचत हैं
नर स्वांग धरा जो भू पर सो
मायापति माया पर रीझत है



Read Caption.

-


11 MAR 2023 AT 14:44

मेरे आंसू कोई सीपीयों के मोती नहीं
मेरे आंसू अब इतने भी कीमती नहीं

उसकी याद आए तो निकल ही आते हैं
लगता है कि आंसू इतने भी फालतू नहीं

किसी को हो तकलीफ तो वो‌ रो देती है
हम‌ दम-दम पे मरते पर वो देखती नहीं

सुबहा की शबनम चाहते हैं सब मगर
जिस पर होती है वो उसकी होती नहीं

साहिल औ' दरिया में देखीं कश्तियां क‌ई
ना‌ वे साहिल की,दरिया की भी होती नहीं

परवाने का मुकद्दर है जल जाना आग में
आग की लपटें खुद पतंगे को खींचती नहीं

आंखें उसकी चरागों सी चमकती हैं मगर
हम चिराग तले खड़े, रोशनी मिलती नहीं



-


30 JAN 2023 AT 17:04

तूफान आया कश्ती डूबी, दरिया के किनारे पर
चांद चमका और तारे झूमे, रात के इशारे पर

मरा कौन वो था कौन, प्यार के निशाने पर
उसकी किसे खबर जो इश्क डूबा, रात के इशारे पर

उसकी तस्वीरें भी कमाल निकली,
धुआं भी ना निकला जलाने पर
पानी गिरा, अधजली रही तस्वीरें,
क्या खूब हुआ उस रात के इशारे पर

आसमां रहा रोशन वो रात भी जगमगायी
चांदनी से रात सजाने पर
मैं गफलत में ही भटकता रहा सारी रात
उस रात के इशारे पर...



-


5 DEC 2022 AT 1:45

अब महक कहां इन सूखते गुलाबों में
अब उमंग कहां इन अधूरे ख्वाबों में

सर्दी आई तो सोचा हाथ सेका करूं पर
आग कहां है अब इन पुराने अलावों में

एक जमाना था,अदब था, उम्दा पहनावा था
ये पीढ़ी फबती नहीं नए चाल-चलाबों में

झूठ, फरेब, कपट, इनसे ईमान गिरेगा बस
दुनिया नहीं आती अब तेरे इन‌ छलाबों में.....

-


Fetching कैश़ Quotes