काली अंधेरी रात के उस पहर में सड़क पर
कुछ गिनी चुनी गाडियां ही चल रही थी ..
आस पास एक चाय वाले की दुकान थी
जिसपर पुराने गाने बज रहे थे
सड़क के थोड़ी दूर एक कोने में क्या चल रहा था,
किसी को कुछ खबर नहीं थी
गाड़ी रोक के देखने की जेहमत कोई क्यू करे
किसी को क्या पड़ी हैं किसी की,
तभी उसी कोने से चार पांच लड़के डरते हुए निकले
आपस में बात करते हुए वे आखों से ओंझल हो गए
पर तभी वो वापिस आए और उसी कोने में चले गए
इस बार एक की सफेद कमीज़ पर कुछ लाल रंग का
लगा हुआ था , इधर उधर देखने के बाद वे तेजी से चलते
हुए फिर हवा में कही आेंझल हो गए ......
इस बार चाय वाले का शक बढ़ चुका था ..
जब तक वो वहां जाकर देखने की जहमत करता तब तक
कुछ खून में लथपथ सड़क के किनारे पहुंचने की कोशिश कर रहा था ,
दो चार गाडियां रुक कर भीड़ जमा होने लग गई थी ..
निर्वस्त्र कोई लड़की, यही कोई 18 साल तक की, खून में
सिर से पांव तब लथपथ कराह रही थी ,,सब समझ रहे थे कि
माजरा आखिर हैं क्या ? और आपस में बात कर रहे थे कि
क्या जमाना आ गया है कही भी औरत सुरक्षित नहीं हैं
तभी पीछे से आवाज़ आई कि यार जमाना क्या करे ,
इन्हे भी तो रात को निकलना नहीं चाहिए ,
तभी एक ओर उभरती आवाज़ आई कि कपड़े देख के पहने
तो कोई क्यू ऐसा करेगा ,,,,
इन सारी बिना सिर पांव की बातों में सबके सामने कोई
दर्द से तड़प कर अपनी आखिरी सांस ले रहा था
-
दिलों की जंग में कहा सियासत खेली जाती हैं
दूजे की हार में कहा अपनी जीत होती हैं-
प्यार हमेशा सही इंसान से
गलत वक्त पर ही क्यूं होता
हैं यार......-
सुनो, वो जो कहते हैं ना,
कि हम पर यकीन करो तुम,
सबसे बड़ा धोखा भी वही
अपने बोलने वाले ही देते हैं...
इन बातों पर तभी यकीन होता हैं
जब इनका खुद पर असर होता हैं....-
मेरे मौन रहने पर भी
मेरे मन को भाप लेते हो
क्या सच में तुम मुझे
इतना समझ लेते हो
..............-
गैरो से क्या डरना गालिब
यहां तो अपनो का दिल काला है
ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं-
तुम क्यूं सोचती हो ऐसा,
क्यूं खुद को कमतर समझती हो
क्या फर्क पड़ता हैं तुम्हे
क्या सोचते है वो तुम्हारे बारे में
क्या सच में जानते हैं वो तुम्हे
तुम्हें खुद नहीं पता खुद का,
कि कितनी बेशकीमती हो तुम
जब तुम खुद ही नही जानती हो,
अपनी खुद की खूबियां और खामिया ,
फिर क्यूं उन चंद करीबियों की बातों
को तुम इतना बढ़ावा दे बैठी हो ,,,,,,,,,,
क्यूं खुदको तुम ऐसे सौप बैठी हो,
क्यूं तुम उनपर इतना भरोसा कर बैठी हो,
कभी तो खुद पर विश्वास कर के देखो ना,
कभी तो खुद से भी प्यार कर के देखो ना,,,
इस आत्मविश्वास के आइने में एक बार
खुद को उतार कर तो देखो ना,,,,,,,,,
एक बार ही सही ,पर खुद पर विश्वास
कर के तो देखो ना,,,,,,,,,,
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To loose anyone
If u want to stay ,
You can ...
But if u want to go,
Then what are you waiting for....
Just go ......-
क्या समझते हो तुम ?
तुम बदलतें रहोगे,,,,,
और हम वैसे ही रहेँगे
माना कि मुझे
समाज के साथ मिलकर चलना नही आता
बुरे के साथ बुरा बनना नही आता
पर तुम्हे अपनी ज़िन्दगी में,,
खास से आम करना तो हमे बखूबी आता हैं..-