30 JUN 2017 AT 20:31

हराम कि कमाई मे बरकत नहीं होती।
मेहनत कि कमाई कभी ज़ाया नहीं जाती।
किसी के हक का खाने वाला सुखी नहीं होता
अपने हक का देने वाला कभी दुखी नहीं होता।

- ज्योति सोम चौहान