Jt Now Writes   (copyrights@Jtsharmaa)
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Jtnowwrites
Joined 20 October 2017


Jtnowwrites
Joined 20 October 2017
7 DEC 2023 AT 0:46

इस तरह से खुद को कभी जाहिर नहीं किया ,
के अब जिंदगी मुझे कहती है कि काफ़िर हो गया हूं |


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18 NOV 2023 AT 1:17

मैं मांग लूंगा तुझसे कुछ ऐसा के तू दे  नहीं पाएगा ए खुदा ,

मेरी इक ख्वाहिश के लिए तू अपनी हस्ती पे सवाल तो न उठा

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3 NOV 2023 AT 0:22

दर्द है तो दर्द सही , पर गम में मेरे सिर्फ हिस्सा मेरा है ,
जिसका ताल्लुक हो तुमसे वो मुझे बांटना ही नहीं किसी से

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1 NOV 2023 AT 3:31



गम को मेरे महसूस करना तेरे के बस की बात कहां 
उस शख्स के जाने से मैने सिकंदरी जाते हुए देखी है

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30 OCT 2023 AT 2:17

इतनी खामोशी से अलविदा कह गए वो मुझे 
के मेरा भरम टूटने को जिंदगी कम पड़ रही है


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20 OCT 2023 AT 20:24

हमने पलट के देखा नहीं उन चौखटों को कभी ,
जो दरवाजे जरूरतों  में बंद हुआ करते थे मुझपे

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20 OCT 2023 AT 20:22

हमने पलट के देखा नहीं उन चौखटों को कभी ,
जो दरवाजे जरूरतों  में बंद हुआ करते थे मुझपे

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20 OCT 2023 AT 20:00



मेरे हयात में तेरी , बस इतनी सी एहमियत है ,
के रुखसत के बाद तेरी ,धूल सी हैसियत है मेरी l

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18 OCT 2023 AT 0:43

हयात तुझसे कभी कोई शिकवा ही नहीं था ,
मगर आज तेरे लिए अब कोई माफी नहीं , 
बारिशों में गरीब की एक अदद छत ही उड़ा ले गई हवा ,
अब जो उतर आए खुद खुदा भी सुलह करने , तो काफ़ी नहीं l



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27 SEP 2023 AT 1:22

ना करो जिरह हमसे के तजुर्बेदार है
और दर्द की हमें इन्तेहा भी मालूम है
गुजर रहें हैं आजकल किस दौर से हम ,
अजी रहने दो कि तुम्हे कहां मालूम है |

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