हर एक शख्स जुदा किया मुझसे जो मुझे प्यारा था ,
एक अदद वज़ह बतादे रब के क्यों सजदा करू तेरे |
-
इस तरह से खुद को कभी जाहिर नहीं किया ,
के अब जिंदगी मुझे कहती है कि काफ़िर हो गया हूं |
-
मैं मांग लूंगा तुझसे कुछ ऐसा के तू दे नहीं पाएगा ए खुदा ,
मेरी इक ख्वाहिश के लिए तू अपनी हस्ती पे सवाल तो न उठा
-
दर्द है तो दर्द सही , पर गम में मेरे सिर्फ हिस्सा मेरा है ,
जिसका ताल्लुक हो तुमसे वो मुझे बांटना ही नहीं किसी से
-
गम को मेरे महसूस करना तेरे के बस की बात कहां
उस शख्स के जाने से मैने सिकंदरी जाते हुए देखी है
-
इतनी खामोशी से अलविदा कह गए वो मुझे
के मेरा भरम टूटने को जिंदगी कम पड़ रही है
-
हमने पलट के देखा नहीं उन चौखटों को कभी ,
जो दरवाजे जरूरतों में बंद हुआ करते थे मुझपे
-
हमने पलट के देखा नहीं उन चौखटों को कभी ,
जो दरवाजे जरूरतों में बंद हुआ करते थे मुझपे
-
मेरे हयात में तेरी , बस इतनी सी एहमियत है ,
के रुखसत के बाद तेरी ,धूल सी हैसियत है मेरी l
-
हयात तुझसे कभी कोई शिकवा ही नहीं था ,
मगर आज तेरे लिए अब कोई माफी नहीं ,
बारिशों में गरीब की एक अदद छत ही उड़ा ले गई हवा ,
अब जो उतर आए खुद खुदा भी सुलह करने , तो काफ़ी नहीं l
-