जिसकी कोई मंज़िल न थी। -
जिसकी कोई मंज़िल न थी।
-
Moving forward to convert into a snow man! -
Moving forward to convert into a snow man!
Read in caption -
Read in caption
ज़िम्मेदारसाहसीसहृदयी -
ज़िम्मेदारसाहसीसहृदयी
रात शर्माती हैचाँदनी मद्धिम सानूर बरसाती है,कतरा पीघलतीकतरा ठहरतीरात बहती जाती हैचाँद की रौशनी में। -
रात शर्माती हैचाँदनी मद्धिम सानूर बरसाती है,कतरा पीघलतीकतरा ठहरतीरात बहती जाती हैचाँद की रौशनी में।
उनको खलती मेरी जुदाई है। -
उनको खलती मेरी जुदाई है।
2122 1212 22/112आज बेबाक़ बन कहेंगे हम,बेरुखी अब नहीं सहेंगे हम।वो इनांगीर था हक़ीक़त का,साथ ख़्वाबों तलक चलेंगे हम।हम सुखन भी नहीं बना जब वो,हम जुबाँ कह नहीं सकेंगे हम।माजरा तोड़ के गया हमको,झूठ का सच नहीं जियेंगे हम।ख़ाक "जिगना" हुआ जला था जो,राख से फिर नहीं जलेंगे हम।©jigna_a -
2122 1212 22/112आज बेबाक़ बन कहेंगे हम,बेरुखी अब नहीं सहेंगे हम।वो इनांगीर था हक़ीक़त का,साथ ख़्वाबों तलक चलेंगे हम।हम सुखन भी नहीं बना जब वो,हम जुबाँ कह नहीं सकेंगे हम।माजरा तोड़ के गया हमको,झूठ का सच नहीं जियेंगे हम।ख़ाक "जिगना" हुआ जला था जो,राख से फिर नहीं जलेंगे हम।©jigna_a
एकबार नहीं, कई बार,पलट पलटकर कई बार,यूँ ही नहीं सुबक रही मैं,आता था या करता पलटवार।आज जो अक़्लमंद बन रहे,कहे अपने काम से काम रक्खे,दुआ है खूब जियेंगे वो,वो भी भरम का स्वाद चक्खे।©jigna_a -
एकबार नहीं, कई बार,पलट पलटकर कई बार,यूँ ही नहीं सुबक रही मैं,आता था या करता पलटवार।आज जो अक़्लमंद बन रहे,कहे अपने काम से काम रक्खे,दुआ है खूब जियेंगे वो,वो भी भरम का स्वाद चक्खे।©jigna_a
The sun is waiting to shine. -
The sun is waiting to shine.
बंद ले आए थे,खुली हथेलियों जाइए। -
बंद ले आए थे,खुली हथेलियों जाइए।